Durga Chalisa PDF in Hindi: माँ दुर्गा जी की पूजा हमारे देश में सदियों से की जाती रही है। दुर्गा चालीसा और आरती उनकी पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति का आभास कराते हैं। इन पाठों को करने से आप माँ दुर्गा के आशीर्वाद से समस्त दुःखों से मुक्ति पा सकते हैं।
दुर्गा चालीसा और आरती का पाठ करने के लिए, आप यहाँ से उपलब्ध पीडीएफ फाइलों का उपयोग कर सकते हैं। ये durga chalisa pdf in hindi फाइलें आसानी से डाउनलोड की जा सकती हैं और आप उन्हें अपने मोबाइल या कंप्यूटर में खोल सकते हैं।
Durga Chalisa PDF in Hindi
इन पीडीएफ फाइलों में आरती के साथ-साथ दुर्गा चालीसा के पाठ के लिए भी अनुच्छेद होते हैं। आप इन फाइलों को अपनी सुविधा के अनुसार छाप सकते हैं और इन पाठों को अपने मंदिर या पूजा स्थल पर पढ़ सकते हैं। दुर्गा चालीसा और आरती का पाठ करने से पूरे घर में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है जो |
Durga Chalisa Lyrics in Hindi
नमो नमो दुर्गे सुख करनी
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी
निरंकार है ज्योति तुम्हारी
तिहूँ लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महाविशाला
नेत्र लाल भृकुटि विकराला
रूप मातु को अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
तुम संसार शक्ति लै कीना
पालन हेतु अन्न धन दीना
अन्नपूर्णा हुई जग पाला
तुम ही आदि सुन्दरी बाला
प्रलयकाल सब नाशन हारी
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें
रूप सरस्वती को तुम धारा
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा
परगट भई फाड़कर खम्बा
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं
श्री नारायण अंग समाहीं
क्षीरसिन्धु में करत विलासा
दयासिन्धु दीजै मन आसा
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी
महिमा अमित न जात बखानी
मातंगी अरु धूमावति माता
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता
श्री भैरव तारा जग तारिणी
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी
केहरि वाहन सोह भवानी
लांगुर वीर चलत अगवानी
कर में खप्पर खड्ग विराजै
जाको देख काल डर भाजै
सोहै अस्त्र और त्रिशूला
जाते उठत शत्रु हिय शूला
नगरकोट में तुम्हीं विराजत
तिहुँलोक में डंका बाजत
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे
रक्तबीज शंखन संहारे
महिषासुर नृप अति अभिमानी
जेहि अघ भार मही अकुलानी
रूप कराल कालिका धारा
सेन सहित तुम तिहि संहारा
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब
भई सहाय मातु तुम तब तब
अमरपुरी अरु बासव लोका
तब महिमा सब रहें अशोका
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी
तुम्हें सदा पूजें नरनारी
प्रेम भक्ति से जो यश गावें
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी
शंकर आचारज तप कीनो
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको
शक्ति रूप का मरम न पायो
शक्ति गई तब मन पछितायो
शरणागत हुई कीर्ति बखानी
जय जय जय जगदम्ब भवानी
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा
मोको मातु कष्ट अति घेरो
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो
आशा तृष्णा निपट सतावें
मोह मदादिक सब बिनशावें
शत्रु नाश कीजै महारानी
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी
करो कृपा हे मातु दयाला
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै
सब सुख भोग परमपद पावै
देवीदास शरण निज जानी
कहु कृपा जगदम्ब भवानी
॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे नि:शंक
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक
दुर्गा पूजा का महत्व
माँ दुर्गा की पूजा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है और यह पूजा हमारे धर्म एवं संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। माँ दुर्गा की पूजा का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी होता है।
दुर्गा माता को दुःखों और दुर्भावनाओं से मुक्ति देने वाली माना जाता है। माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा दुखियों, दीनों और असमर्थों को संबल देती है। उन्हें भक्तों की समस्याओं का समाधान देने में सक्षम माना जाता है। इसलिए, माँ दुर्गा की पूजा दुःख और दरिद्रता से मुक्ति के लिए की जाती है।
दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती और आरती का पाठ किया जाता है। इन सभी पाठों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की वर्णना होती है जिनकी पूजा से माँ दुर्गा हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
Durga Chalisa PDF in Hindi :- Download Here
आप ऊपर दी गई लिंक से दुर्गा चालीसा पाठ की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हे और अपने मित्र एवं कुटुंबीजानो के साथ दुर्गा पाठ, श्री दुर्गा आरती को सेर कर सकते हे।
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